" नीम -सा हूँ ,मैं !कड़वा सिर्फ जख्म पर लगता हूँ मिश्री सी- मीठी या गुड़ की डली बनने की आदत नहीं, मेरी जो सिर्फ जख्मों को बढ़ावा ही देते हैं " ✒ ब्रजेश कुमार ✒