यूँ सिमट कर बाहो में चिपक जाती थी, कभी हँसती थी,कभी हँसाती थी, अब ना जाने कहाँँ हैं वों पगली, जो बडे़ प्यार से कभी मिलने के लिए बुलाती थी। अजित भाई यादव #NojotoQuote miss you pagli...