अपनी ग़ज़ल में सबके ख्वाब लिखता हूँ, लोग कहते हैं की मैं लाजवाब लिखता हूँ। कलम को मुसलसल बैचेन रखकर के, हिसाब नहीं रखता बेहिसाब लिखता हूँ। कौन कितने है पानी में जानता हूं ये सब, बस नूर दिखे तो आफताब लिखता हूँ । बस मोहब्बत को ही जबान. मै समझू, बाकी सबको तो मै तेजाब लिखता हूँ। पूछता है जब कोई हाल-ए-दिल संगम से, है हाल बड़ा बिगड़ा है खराब लिखता हूँ। (Bahubali Singh Sangam ) #NojotoQuote #Nojotopoetry #Nojoto #Nojotohidi #Nojotokavita #Shayri #Nojoyoopenmic