खोने से खुशियां हज़ारी आंखों की डरता हूं मैं उम्र कम है पर अपने बाप के तजुर्बे से भरा हुआ थैला हूं मैं मुझे पाकर वो अब बाजार में मेरी नीलामी रखने चले हैं जिनके लिए मोहब्बत में झुकता रहा उन्हें बड़ा सस्ता लगा हूं क्या मैं मेरी प्यास के किस्से अब सिमटे हुए दरिया सुनायेंगें क्या उनकी हस्ती बनाने वाली नदियों का सैलाब समेट समंदर बना हूं मैं... –Shivanki Siwal मैं #nojoto#nojotohindi#hindishyari#lovestory#experiences#life#story