जीवन में घटने वाले कुछ मुद्दों पर पैसे और पॉलिटिक्स के आगे इंसानियत बहुत ही छोटी पड़ जाती है भले ही हमारा कानून इस बात को स्वीकार नहीं करता हो पर यह जीवन का कड़वा सच है जहां क़ानून हमेशा अंधा ही बना रहता है