चाहते,हसरते और मोहब्बतें ये बातें हैं बहुत पुरानी,की तुम्हारे लिए इस दिल में इक नफरत के सिवा रक्खा क्या है.......... मुस्कुराहटे,रंगिनीय़ाँ और वफाएं सब तुम्हारे हिस्से,मेरे ज़िस्त मे रंजिशों के सिवा तुमने रक्खा क्या है........... तुम्हारी तो हमेशा हीं रही चांदनी रातें,शिरी सी बातें और सुरमयी शाम की कई मुलाकातें,मेरे पलकों पर आंसूँ,दर्द और गमगीनियत के सिवा अब रक्खा क्या हैं........... हयात-ऐ -सफर में कदमो तले वो हर एक शै जो दे सके खुशी वो तो बिछी पडी है,फिर जाने क्यू लगता है एक तेरी याद के सिवा अब पास मेरे रक्खा क्या है......... @-Chanchal Chaturvedi #रक्खा_क्या_है #chanchal_mann #poetry#hindinojoto#shabdanchal#shayari