वो प्याले अब कहां रहे मेरे जिनका हर जाम सिर्फ मेरे लिए था मुद्दतों नहीं महसूस किया है मैंने उस रब की परछाई को जिसकी चौखट को इंतज़ार सिर्फ मेरे लिए था! #Deepikapoetry# #nojoto#kavishala