इख़लास के मद्देनज़र ज़रा इजलास पर आइये । दिल पर अपने हाथ रखकर ज़रा नज़रें मिलाइये । इन्साफ की कुर्सी की भी जरा इज़्ज़त बचाइये । आँख मारना भी अब जुर्म है जरा फैसला सुनाइये