"तेरे दिल के समंदर मे ,
एक छोटा सा जज़ीरा चाहू।।
तेरे सपनो के शहर मे,
एक छोटा सा मकां चाहू।।
तुझे पाने की ना तलब मुझे,,
बस यादों का भंडार चाहू।।
ज्यादा नही तेरे संग बस मुस्कान के दो पल चाहू ।।।।।"
तेरे दिल के समंदर मे ,
एक छोटा सा जज़ीरा चाहू।।
तेरे सपनो के शहर मे,
एक छोटा सा मकां चाहू।।
तुझे पाने की ना तलब मुझे,,
बस यादों का भंडार चाहू।।
ज्यादा नही तेरे संग बस मुस्कान के दो पल चाहू ।।।।।