वो रास्ता वहीँ कारवां वही मंजिले और वही रहबर भी। पर अपने दिल के मुकाम कभी तुम नही कभी हम नही।। तुम ही दिल तुम ही धड़कन तुम ही जख्म तुम ही मरहम। पर दिल की ख्वाहिशो में कभी तुम नही कभी हम नही।। वही आदतें वही हरकते वही शरारते और वही नसीहते। पर दिल के एक बदलाव में कभी तुम नही तो कभी हम नही।। वही चाँद वही चांदनी वही राग और दिल से निकली वही रागनी। पर एक भी सुर साज में कभी तुम नही तो कभी हम नही।। चाहत थी आँखों की शरारत बनकर पलकों पर सज जाओ। पर दिल के किसी भी जज्बात में कभी तुम नही कभी हम नही।।