घूंघट में चाँद जब तुम्हें देखता हूँ घूंघट में, तो चाँद सी लगती हो.. लेकिन बार-बार देखना मेरे फ़ितरत में कहाँ.. तुम मुझसे इतना दूर चली जाओगी.. ये पागल दिल ने कभी सोचा ही कहाँ.. @जब तुम्हें मैं...