Nojoto: Largest Storytelling Platform

I thought जब भी कभी एकांत में रहती हैं मन की अधूरी

I thought जब भी कभी एकांत में रहती हैं मन की अधूरी ख्वाहिशें 
 खंगाले है कई बिसरी यादों का अतुल्य जमघट
और सूखे हुए अश्कों का कोना

बिखरी हुई कुछ अनछुए पहलू
और सिमटते हुए अल्फ़ाज़ तुम्हारा इंतज़ार है ।।।।।
I thought जब भी कभी एकांत में रहती हैं मन की अधूरी ख्वाहिशें 
 खंगाले है कई बिसरी यादों का अतुल्य जमघट
और सूखे हुए अश्कों का कोना

बिखरी हुई कुछ अनछुए पहलू
और सिमटते हुए अल्फ़ाज़ तुम्हारा इंतज़ार है ।।।।।

तुम्हारा इंतज़ार है ।।।।। #poem