उस हैवान की हैवानियत की तब हद थी👹 शिकार तो सब थे बस तब सब खामोश थे😷 वहा छोडा ना उस ने किसी को भी था 😭 गवाह सब थे बस तब सब खामोश थे 😷 सहते रहे उनके वार हर बार 😖 फिर भी बचाना पाये अपना दामन यार 🙇 डरे हुए थे तब सब वहा 😨 कुछ बतलाने की हिम्मत तब ना थी 😷 अफसोस होता है आज ये याद कर के 😢 खुद को बचाने की तब कोशिश नाकाम रही थी🙇😭 बच जाते अगर हम उनके बुरी नजरो मे आने से👀 जिदंगी आज युह बिखरी ना होती😑 धूनधली सी हो गयी है तस्वीर 👊😠 अब उस हैवान की इन आँखो मे👀 बस अब रुह काप उठती है 😱 उस वक्त को याद करके 😭 -SHILPA HURBADA 🌍❤