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आसिफा, गुड़िया ,निर्भया न जाने कितने नाम , न जाने क

आसिफा, गुड़िया ,निर्भया न जाने कितने नाम ,
न जाने कितने गुमनाम
हर बार एक दौर गुजरा असहनीय पीड़ा का और
सर झुकाकर माफियां माँगते रहे हम
गुनाहगार है हम सब तुम्हारे
 सजा मिलती रहेगी हमें किसी ना किसी रूप मे 
 ‎ना दोष था तुम्हारे नारी होने का 
 ‎ ना दोष था तुम्हारे पहनावे का
 ‎दोष था हमारा सदियों से मूक बनकर रहने का
 ‎सीता हो या द्रोपदी प्रकृति ना थी हमारी चीत्कार या प्रतिकार की 
 ‎जौहर हो या अग्निपरीक्षा या रहा हो चीरहरण 
 ‎दोष तुम्हारी नियति का था और कलंक हम स्वीकारते रहे
 अपने ही हम पर प्रहार करते रहे और हम मान मर्यादा का पाठ पढ़ते रहे 
 ‎दुर्गा का हममें वास था नर पर हमें विश्वास था
 ‎हाथ जोड़ आंख मूंद मदद को पुकारते रहे
 ‎अस्तित्व हम खोते रहे पौरुष दंभ भरता गया
 ‎काश चंडी का रूप धर नरमुंड धारण किया होता 
 ‎संहार किया होता उस डर का जिसने अबला तुम्हें बना दिया
 ‎शक्ति की जो पुंज उगती सदियों तक प्रकाश रहता
 ‎न फिर कोई रावण बनता न कोई दुःशासन जन्मता
 ‎कन्या के हर रूप मे नवदुर्गा का स्वरूप होता 
 ‎नर हो या नारी सबका अपना अस्तित्व होता  #TuesdayThoughts #nojoto #asihfa
आसिफा, गुड़िया ,निर्भया न जाने कितने नाम ,
न जाने कितने गुमनाम
हर बार एक दौर गुजरा असहनीय पीड़ा का और
सर झुकाकर माफियां माँगते रहे हम
गुनाहगार है हम सब तुम्हारे
 सजा मिलती रहेगी हमें किसी ना किसी रूप मे 
 ‎ना दोष था तुम्हारे नारी होने का 
 ‎ ना दोष था तुम्हारे पहनावे का
 ‎दोष था हमारा सदियों से मूक बनकर रहने का
 ‎सीता हो या द्रोपदी प्रकृति ना थी हमारी चीत्कार या प्रतिकार की 
 ‎जौहर हो या अग्निपरीक्षा या रहा हो चीरहरण 
 ‎दोष तुम्हारी नियति का था और कलंक हम स्वीकारते रहे
 अपने ही हम पर प्रहार करते रहे और हम मान मर्यादा का पाठ पढ़ते रहे 
 ‎दुर्गा का हममें वास था नर पर हमें विश्वास था
 ‎हाथ जोड़ आंख मूंद मदद को पुकारते रहे
 ‎अस्तित्व हम खोते रहे पौरुष दंभ भरता गया
 ‎काश चंडी का रूप धर नरमुंड धारण किया होता 
 ‎संहार किया होता उस डर का जिसने अबला तुम्हें बना दिया
 ‎शक्ति की जो पुंज उगती सदियों तक प्रकाश रहता
 ‎न फिर कोई रावण बनता न कोई दुःशासन जन्मता
 ‎कन्या के हर रूप मे नवदुर्गा का स्वरूप होता 
 ‎नर हो या नारी सबका अपना अस्तित्व होता  #TuesdayThoughts #nojoto #asihfa