बचपन और गर्मी की छुट्टियाँ वो बचपन की यादे और गर्मी की छट्टियां किया वो यादे है किया वो छुट्टियां थी लम्बे स्कूल के बाद बस एक ही इंतजार, था इसी बात का खुमार,की कब होगी छुट्टी यार, दादी के घर जाना है, नानी के घर जाना है था इसी बात का इंतज़ार की कब होगी छुट्टी यार दिन भर खाना, सोना, मस्ती,करना था इसी बात का खुमार की कब होगी छुट्टी यार सपने सजाके यू बैठना,की पापा मम्मी के साथ घूमने जाना, था इसी बात का इंतजार की कब होगी छुट्टी यार,,, बस, ट्रेन, लम्बी, गाड़ियों को देखने,को था दिल बेकरार था इसी बात का इन्तजार की कब छुट्टी होगी यार,