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समय चला, पर कैसे चला…पता ही नहीं चला… ज़िन्दगी की आ

समय चला, पर कैसे चला…पता ही नहीं चला…
ज़िन्दगी की आपाधापी में, कब निकली उम्र हमारी, यारों
पता ही नहीं चला.
कंधे पर चढ़ने वाले बच्चे, कब कंधे तक आ गए,
पता ही नहीं चला.
किराये के घर से शुरू हुआ था सफर अपना
कब अपने घर तक आ गए,
पता ही नहीं चला.
wakilmandal7879

Wakil Mandal

New Creator

समय चला, पर कैसे चला…पता ही नहीं चला… ज़िन्दगी की आपाधापी में, कब निकली उम्र हमारी, यारों पता ही नहीं चला. कंधे पर चढ़ने वाले बच्चे, कब कंधे तक आ गए, पता ही नहीं चला. किराये के घर से शुरू हुआ था सफर अपना कब अपने घर तक आ गए, पता ही नहीं चला.

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