समय चला, पर कैसे चला…पता ही नहीं चला… ज़िन्दगी की आपाधापी में, कब निकली उम्र हमारी, यारों पता ही नहीं चला. कंधे पर चढ़ने वाले बच्चे, कब कंधे तक आ गए, पता ही नहीं चला. किराये के घर से शुरू हुआ था सफर अपना कब अपने घर तक आ गए, पता ही नहीं चला. Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto