खुदाया कैद साँसों की जरा सी पैरवी करदे अमाँ इतना ना पीछा कर कि इनको भी बरी करदे अमाँ तेरी नजर मे दिल सिकुड़ कर बेजार होने को अमाँ तू चूम कर इस पर जरा सी इस्तरी करदे खुदा जिसने बनाया पथरों का ख़ूब जंचता है मियां इक रोज दिल की बस वही कारीगरी करदे अगर लौटेगा कोई जो फ़कत बेकार लौटेगा ये मेरी बात उसके कान में तू आखिरी करदे कहु क्या सोचता है चौक पर कबसे पड़ा पत्थर हो कारीगर जो ऐसा आंखें मेरी भोंतरी करदे!! #nojoto # Mahi