हमसफ़र ही नहि, हमज़बाँ चाहिए यार दुनिया में सबसे जुदा चाहिए जिसके होने से रौशन हो दिल की जमीं, एक ऐसा हसीं राजदाँ चाहिए हर बवंडर से जो पार ले जा सके, मेरी कश्ती को वो नाख़ुदा चाहिए है बहोत कुछ जिसे भूलना है मुज़े तू ही साक़ी, तू ही मेयक़दा चाहिए चाहे काफ़िर समज ले ज़माना हमें, गर तू मिल जाए, किस को खुदा चाहिए? : हिमल पंड्या