#OpenPoetry किसी की नजरों में ! मैं खटक गया । हर किसी को पसंद आऊं ये जरूरी नहीं । आना होगा तो आयेगी खुद मंजिल पास मेरे । मैं उसके पास जाऊं इतनी भी मजबूरी नहीं । करीब आकर फिर फासला बना लिया तुमने । यादें पास हैं मेरे चाहे तुम दूर ही सही । लौट के आओगे तो ! दोबारा मत तोड़ना दिल मेरा । दिल एक ही है ! मैं दिलों का कारोबारी नहीं । कि ! बेशक मयखाने में ही गुजरता है पूरा दिन मेरा । लेकिन! हर वक्त नशे में रहूँ मैं वो शराबी नहीं । - Ankit dhyani #OpenPoetry #nojoto #nojotohindi