जहाँ न जात के नाम पर उत्पात हो, जहाँ न धर्म के नाम पर मार काट हो. जहाँ न कोई हिन्दू हो न मुस्लमान हो, जहाँ रहने वाला हर कोई हिंदुस्तान हो. जहाँ अन्नदाता जब खेत में अनाज बोए, लाचार बन वह अन्नदाता कभी न रोए. जहाँ पर कोई गरीब भूखे पेट न सोए, जहाँ दंगे में कभी कोई अपना न खोए, जहाँ भ्रष्टाचार का नामोनिशान न हो, जहाँ कोई भी गद्दारों पर मेहरबान न हो. जहाँ पर जात धर्म नहीं सभी इंसान हो, मेरे दोस्त ऐसा ही मेरा भारत महान हो. मेरा भारत कैसा हो?