#OpenPoetry ए मौला मेरे मालिक इतना रहम तू कर दे , आया हूँ तेरे दर पे ,झोली को मेरी भर दे ! सोया है मुक्कदर मैं तुझसे खो गया हूँ.. अपना मुझे पता दे अपना मुझे बना ले ! ए मौला मेरे मालिक इतना रहम तू कर दे !! है आगाज़ जो हुआ अंजाम उसे दे दे , कुरआन का जारी फ़रमान मुझे दे दे ! वीरान मेरी बस्ती आबाद फिर से कर दे ... टूटे है दिल के टुकड़े,टुकड़ो को एक कर दे ! ए मौला मेरे मालिक इतना रहम तू कर दे !! तूने बनाई दुनिया ,तूने बसायी दुनिया , तुझसे बने है गुलशन तूने खिलाई कलियां ! तूने मुझे संवारा अब तेरा है सहारा ... मेरी डूब रही कश्ती लगा दे किनारा , इन शुष्क आंखों को खुशियों की झलक दे दे , ए मौला मेरे मालिक इतना रहम तू कर दे !! खाली पड़ा हूँ कब से ख़िदमत में अपनी ले ले , बर्बाद जिंदगी को इक मोड़ नया दे दे ! आंखे तरस गयी है मन है मेरा प्यासा , दीदार मुझसे कर ले ,बिगड़ी मेरी बना दे ! ए मौला मेरे मालिक इतना रहम तू कर दे !! ((( "राहुल "))) #OpenPoetry #ए_मौला_मेरे_मालिक_इतना_रहम_तू_कर_दे.. #rahul #गीत #dont_copy_otherwise_copyright_issu बोल-- ए मौला मेरे मालिक इतना रहम तू कर दे , आया हूँ तेरे दर पे ,झोली को मेरी भर दे ! सोया है मुक्कदर मैं तुझसे खो गया हूँ..