मैं फूल हूं पैरों तले रौंदा जाता कभी मंदिरों में शोभा पाता कभी महबूबा को भेंट किया जाता कभी चढ़ता मजारों पर बनकर दुआ रूहानी मेरी ज़िंदगी की यही कहानी अनकही अनजानी मेरे ना कोई किस्से सुनाता ना कहानी बस टूटता हूं हर पल जब हो किसी की मनमानी काश सुनता कोई मेरी भी ज़ुबानी ।।© रिमझिम फूल की चाह #nojotohindi#poem#poetry#hindi#thought