तेरी यादों का सिलसिला मेरे जेहन कहीं कमज़ोर ना हो जाए, देख बेख़बर इसलिए बर्बाद होने हम फिर से तेरे शहर चले आए।। #post198 #तेरेशहर #अंकितशर्माबेख़बर