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तुझसे रिश्ता निभा ना पाऊंगा, सारे बंधन में तोड़ जा

तुझसे रिश्ता निभा ना पाऊंगा,
सारे बंधन में तोड़ जाऊंगा।

घाव कितने गहरे दिये तूने,
बता मरहम केसे लगाऊंगा।

वन्देमातरम जो में कहे दुंगा,
बोल फिर कैसे देश जलाऊंगा।

दिल्ली दिल है भारत का सुनलो,
वार दिल पे ना सहे पाऊंगा।

समजने वालो समजलो बात मेरी,
बात फिर से ना दोहराऊंगा।

-मयूर जेठवानी
तुझसे रिश्ता निभा ना पाऊंगा,
सारे बंधन में तोड़ जाऊंगा।

घाव कितने गहरे दिये तूने,
बता मरहम केसे लगाऊंगा।

वन्देमातरम जो में कहे दुंगा,
बोल फिर कैसे देश जलाऊंगा।

दिल्ली दिल है भारत का सुनलो,
वार दिल पे ना सहे पाऊंगा।

समजने वालो समजलो बात मेरी,
बात फिर से ना दोहराऊंगा।

-मयूर जेठवानी