जो मेरी प्रतिमा आँखो मे भिगोकर गढ होगा!!!😘 🙏👏👍एक प्यारी शायरी👍👌👏👏 जो मेरी प्रतिमा आँखो मे भिगोकर गढ होगा, अकिंचन पाँव तब अगे तुम्हारा बढा लिया होता, मेरी आँखो मे भी अंकित समर्पण की ॠचाए थी, उन्हे अन्य कुछ अर्थ मील जाते,