नयना तृष्णा में नीर बहाए, एक ख़्वाब अधूरा रह गया। दिल ने जिसकी पूजा की, मूरत वो अधूरा रह गया। कल तक लगती थी जो अपनी, हर वो चीज पराई हो गई। कल तक ठंडक देती थी राते जहा, आज शाम देहकती हो गई। काटे मन मेरा मुझको, पहला प्यार अधूरा रह गया। नयना तृष्णा में नीर बहाए, एक ख़्वाब अधूरा रह गया। - आर्यावर्त वेद प्रकाश। नोजोटो