मैं मशगूल हूं या फना में तेरी फिक्र तेरी सना मे जो दिल धड़के यादे हो तेरी हिले लब तो तेरी सना में तेरे इश्क़ से चलती धड़कन ओर सीने में सांसे समाए तेरी याद हो बस मेरी धुन ओर सांसे भी गुम हो सना में मेरा हर अमल तेरी सुन्नत किसी का मै दिल ना दुखाऊ सभी से मिलूं मुस्कुराकर सुनाऊँ तेरी ही सना मै उतारे जो एहबाब मुझको कबर में लहद में जमी में हो हर सिम्त नातो की धुमे मैं झूम उठु तेरी सना में जो महशर में सरकार आए रजा सा जहन मुझको भाए सलाम लाखो मौला पे मेरे ओर खिदमत में पढ़ दूँ सना मै #ΔհΜεD_ɌαZα_ΘυʀΞៜΗι #सना #MiyA