एक ने प्यार करना सिखलाया था एक ने परिचाय करवाया था वह दोनो के संग चलना चाहती थी पूरी करती किसकी मुहब्बत वह यह समझना चाहती थी...... पहला प्यार उसका कोई ओर था किसी की आखिरी मुहफ्बत बनना चाहती थी उसका हव्दय कैसे छालनी कर दे जिसने उसको दुनिया से मिलवाया था लेकिन वह किसी के हव्दय में समाकर दुनिया से रूकसत होना चाहती थी पूरी करती किसकी मुहब्बत वह यह समझना चाहती थी..... #NojotoQuote love and father