प्रेम अधिकार का दावा नही करता है, बल्कि स्वतंत्रता देता है प्रेम सिर्फ एहसास नही ,एक ऊर्जा है जो स्वतंत्र करती है निज स्वार्थ से सम्बल बनकर ,संभालती है स्वयं को सदैव संग रहती है, अपने संगी के एक प्रबल समर्थक बन जीवन मे स्वयं का विस्तार कर यह प्रेरणा देती है, सृजन का यह प्रतिरूप है ,जीवन का इस ऊर्जा को स्वयं में समाहित कर समस्त संसार की आत्मा से प्रीत कर स्वयं का निर्वाण स्वप्न साकार करे प्रेम के वाहक बन प्रेम का विस्तार करें kunwarsurendra प्रेम अधिकार की बात नही करता है, बल्कि स्वतंत्रता देता है प्रेम सिर्फ एहसास नही ,एक ऊर्जा है जो स्वतंत्र करती है निज स्वार्थ से सम्बल बनकर ,संभालती है स्वयं को सदैव संग रहती है, अपने संगी के एक प्रबल समर्थक बन जीवन मे स्वयं का विस्तार कर