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थक गए हो तो थकन छोड़कर जा सकते हो। तुम मुझे वाकिय

थक गए हो तो थकन छोड़कर जा सकते हो।

तुम मुझे वाकियातन छोड़कर जा सकते हो ।

हम दरखतों को कहां आता है हिजरत करना।

तुम परिंदे हो वतन छोड़कर जा सकते हो ।

ammar ikbal # ammar ikbal poetry #
थक गए हो तो थकन छोड़कर जा सकते हो।

तुम मुझे वाकियातन छोड़कर जा सकते हो ।

हम दरखतों को कहां आता है हिजरत करना।

तुम परिंदे हो वतन छोड़कर जा सकते हो ।

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azeemkhan5403

Azeem Khan

Gold Star
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