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जो भी तुम्हारे लिए लिखती हूं बस शायरी बन रह जाती ह

जो भी तुम्हारे लिए लिखती हूं
बस शायरी बन रह जाती है
आखों तक तो पहुंच जाती है तुम्हारी
न जाने दिल से क्यों दूर रह जाती है ।
@bhavi🙂
जो भी तुम्हारे लिए लिखती हूं
बस शायरी बन रह जाती है
आखों तक तो पहुंच जाती है तुम्हारी
न जाने दिल से क्यों दूर रह जाती है ।
@bhavi🙂