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जिस्म मेरा बेशक खाक हो जाये। वजूद चाहे मेरा राख हो

जिस्म मेरा बेशक खाक हो जाये।
वजूद चाहे मेरा राख हो जाये।।
देश की इज्जत पर आंच आने नही दूंगा,
मौत भले ही मेरी बे-बात हो जाये।।

निसार मलिक
छात्रसंघ सचिव
जिस्म मेरा बेशक खाक हो जाये।
वजूद चाहे मेरा राख हो जाये।।
देश की इज्जत पर आंच आने नही दूंगा,
मौत भले ही मेरी बे-बात हो जाये।।

निसार मलिक
छात्रसंघ सचिव