इज़हार इजहार मेरे दिल की आरजू ना ही ये अल्फ़ाज़ h ना ही कोई मंजर ये तेरे मेरे इश्क़ की शुरू हुई दांस्ता है फलक से फलक तक सिर्फ तुम। #dilkibaat komal sindhe