speed painting with 5 min .with poetry आज मौत ने मुझे कसकर गले लगाया हैं, आज बाहे खुली शरीर एक बेजान साया हैं। हिम्मत मिले उनको जिस घर पानी मे ठहराव आया हैं। मैं सजदा करू ये समय आया हैं।.......to be continued