पाठन कीजिए मेरी एक नई नज़्म "ज़िन्दगी" का आपकी अपनी ब्लॉग साइट vikrantrajliwal.com पर।
हर तन्हा कदम आपका हौसले से भरा, मिला देगा जल्द ही काफ़िला तुम्हे खोया हुआ। जो ना हो साया साथ अपना कोई, तो गम ना कर, हर तन्हाइयों से महोबत को गले लगा लेगा अपने दीवाना।। हर आहत से अनजानी, छुटती सी मेरी कलम, टूटते हर एहसासों से तड़प जाती है मेरी कलम। हर वाक्या ज़िन्दगी का मेरा, एक ख़ौफ़ से भरा हुआ, हर ख़ौफ़ से है ज़िन्दगी जिंदा मेरी मरते हुए।। … [ 78 more words ]
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