काश....!. काश में तुम्हे सब कुछ केह पता,
थोड़ी बोहोत जिंदगी तुम्हारे साथ भी जी पता,
अब गुजरते है दिन, दिल के इस घाव को मरहम लगाते हुए,
काश खुदा मुझे ये सब झेलने की ताकत दे पाता. काश तुम रुकती
दिन, बात करती मुझसे.
मेरी जिंदगी के हालहवाल पूछती मुझसे,
काश में भी हिम्मत करके सब कह देता तुम्हे,
तुम भी इतराती थोड़ी, और कहती मुझे "हाँ"