हम बच्चे हैं //////\\\\\\ हम बच्चे हैं, बच्चे हैं मगर सबसे अच्छे हैं। मेरी दुनिया है अभी अधूरी, तय करना है बहुत दूरी। सारा हिंदुस्तान परिवार हमारा, जहां में सबसे प्यारा। नील गगन का पंछी हूं मैं, उड़ता हूं पंख फैलाए। हवाओं के थपेड़ों संग, धरती के दर्द समाए। जब धरती मां को देखता हूं, ऊंचे आसमान से, रोती है आंखें मेरी। मुझे जाना है अभी बहुत दूर, मेरी दुनिया है अधूरी। मुझे शुद्ध संस्कार और प्यार चाहिए, पूरा हिंदुस्तान और परिवार चाहिए। हम दिमाग से हठ्ठे-कठ्ठे हैं, एकता में हम कच्चे हैं। हम बच्चे हैं, बच्चे हैं मगर सबसे अच्छे हैं।। """"""""""""""""""""""""""""""""""" प्रमोद मालाकार की कलम से ©pramod malakar #हम बच्चे हैं