दौर-ए-इंक़लाब का मनसब वो क़लम था, खून में उबाल पैदा किया जिसने वो शायरों का लक़ब था। हर दौर में ज़ालिम क़लम के वार से डरता है, हथियार से भी ताक़तवर है ऐसा मुसन्निफ़ का क़लम काम करता है। बहुत लिख चुके तुम प्यार मुहब्बत के बारे में, अगर ग़ैरत है तोह लिख डालो अपने मुल्क़ की तकदीर के बारे में। कुछ लिख डालो उन ग़रीबो मासूमो के बारे में, कुछ लिख डालो उन ज़ुल्म करने वाले हैवानो के बारे में। ऐ मुसन्निफ़ क़लम उठाओ कुछ लिख डालो इंक़लाबियत के बारे में........ ऐ मुसन्निफ़ क़लम उठा... मुसन्निफ़-writer , लक़ब- name given to writer. ग़ैरत - शर्म , मनसब= dignity #nojoto #nojotohindi #nojotoenglish #nojotourdu