मेरे होठों के नज़म आँखों से पढ़ ली,कुछ कहानी थी मेरे कुछ गैरो से जोड़ ली, नाचीज ने भरी महफ़िल में गैरो केे लिए अपनो से रिश्ता तोड़ ली!! भरी महफ़िल