दिसंबर का महीना सर्द स्याह रातों का आगाज़ है माह दिसंबर साल का आखरी परवाज़ है माह दिसंबर किसी को बंद कमरे में भी हीटर में सुलाये,तो कहीं मयस्सर ना चादर नाराज़ है माह दिसंबर कहीं गलियों में एक शोर है कुछ शहनाइयों का कहीं दुर्घटनाएं हो, कोहरे का राज है माह दिसंबर एक एक कर कर निगाहों के सामने आ जाया करें पूरे साल की यादों का एक साज़ है माह दिसंबर चला जाये एक साल और जिंदगी से गुज़रकर ग़म ना होने दे,आशिक मिजाज है माह दिसंबर आमिल Sard syaah raato ka agaaz hai maah December Saal ka aakhri parwaaz hai maah December Kisi ko band kamre mai bhi heater mai sulaaye ,too Kahi mayasser na chadar naraz hai maah December Kahi galiyo mai ek shoor hai kuch shehnaaiyo ka Kahi doorghatnaaye ho,kohre ka raaj Hai maah December