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वो नूर की तितली मेरी रूह की रहबर है उसके पंखों में

वो नूर की तितली मेरी रूह की रहबर है
उसके पंखों में धनक बन कर मेरा आसमाँ रवां है 

वो गुलों से लिखी है,और इत्र की ग़ज़ल है
उसके पैरों पर, लाज़मी है ,की सहर के रंग हों

वो मन्नतों के पर्चों के शुक्र से बुनी है 
तस्लीम दुआ से उसकी नज़र जवाँ है

©Mo k sh K an #Zen 
#hope
#beauty
#positivity 
#Divinity 
#mokshkan 

#Butterfly
वो नूर की तितली मेरी रूह की रहबर है
उसके पंखों में धनक बन कर मेरा आसमाँ रवां है 

वो गुलों से लिखी है,और इत्र की ग़ज़ल है
उसके पैरों पर, लाज़मी है ,की सहर के रंग हों

वो मन्नतों के पर्चों के शुक्र से बुनी है 
तस्लीम दुआ से उसकी नज़र जवाँ है

©Mo k sh K an #Zen 
#hope
#beauty
#positivity 
#Divinity 
#mokshkan 

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