लिखने का हुनर भी तभी आता है, जब इंसान कई दफा अपनों से बेबुनियाद ठोकर खाता है! लिखने का हुनर भी तभी आता है, जब इंसान कई दफा अपनों से बेबुनियाद ठोकर खाता है🙂🙂