थी एक नार अलबेली,चतुर सलोनी
था नाम मनु पर सब कहते छ्बीली
ढाल,तलवार, कटार संग वो खेली
निडर, साहसी वीरांगना थी फुर्तीली
आई झाँसी में बन वो दुल्हन नवेली
थी खेली वक्त ने भी आँख- मिचौली
हुई विधवा,रह गई निसंतान अकेली
तब धूर्त डल्हौजी ने चाल एक खेली #HindiPoem#kavishala#nojotohindi#kalakaksh#hindinama#TST#kiranbala#Lakshmibai