जन्नते कैसे होती है वो तो अहसास नही है मुझे मेरे महादेव पर इतना तो यकीन है कि तेरे दरबार के सुकून से सुहानी तो नही हो सकती जय श्री महाकाल भgat भोलेनाथ का