फिर देखो वो बरसात आई जाने कितने यादे साथ लाई बेरंग बदहाल पड़ी दुनिया को फिर से हरा भरा करने आई खुशी मे कोई झूमता कोई नहाता बनके खुशियो का सामान आई सुखी बेजान पड़ी अरमानो मे फिर से जान डालने बनके किसानो की जिन्दगी आई बहुत से खूबसूरत पल है तुझसे जुड़े फिर वो दिन है याद आई बचपन मे इन्ही बारिशो मे हमने कागज की नाव चलाई कभी साबुन के झाग लगाकर इसी नाव को तेज भगाई घर आँगन को समन्दर बनाई बारिश आते ही स्कूल की छुट्टी बनके बच्चो का दोस्त आई फिर देखो वो बरसात आई #शायरी#कविता#कहानी#विचार #बरसातके#दिन