میری کھیت کی میٹی سی پلٹا ہی تیری شہر کا پیٹ،،، میرا نادان گانو عب بھی علجھا ہی کرز کی کشتون مین،،، मेरे खैत की मिट्टी से पलता है तेरे शहर का पेट,,,, मेरा नादान गाँव अब भी उलझा है कर्ज की किश्तों में,,, #मेरे खेत की मिट्टी से पलता है तेरे शहर का पेट,,,,