रोज रोज बलात्कार जैसे संगीन जुर्म की खबरें पढ़ पढ़ कर अब तो दिमाग हिलने लगा है आखिर इन्सान की समझ और सोचने समझने की शक्ति को हो क्या गया है? इन हैवानों की हैवानियत ने तो अब छोटी छोटी मासूम बच्चियों को भी नही छोड़ा है बलात्कार का शिकार सबसे ज्यादा नाबालिक लडकिया होती है और शिकारी भी नाबालिक ही सबसे ज्यादा होते हैं क्योंकि नाबालिक होने पर अपराधी कठोर सजा से बच जाते हैं कुछ महीने बाल सुधार घर में रहकर फिर से आजाद हो जाते हैं इन हैवानों की हैवानियत ने छोटी मासूम बच्चियों से लेकर 90 वर्ष की वृद्धा तक को नही छोड़ा है हवस क्या इन्सान के दिमाग पर इतनी हावी हो जाती है कि इन्सान से उसकी इंसानियत मर्यादा सब कुछ भुला देती है? #InspireThroughWriting