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जब भी गणतंत्र दिवस आती है , बचपन की यादें ताज़ा हो

जब भी गणतंत्र दिवस आती है ,
बचपन की यादें ताज़ा हो जाती है ।
स्कूल में मिले चंद जलेबियों की
आज यादें बहुत सताती  है ,
ख़रीद कर खा लेता हूं कुछ जलेबियों 
पर वो स्वाद इसमें कहा आती है।। वन्दे मातरम् की जयकारा
 लगा गलियों में घूमा करते थे ,
 कुर्ता धोती पहन हाथ में तिरंगा लिए
 बाबा के संग परेड देखा करते थे । 
दादा दादी से वीर देशभक्तों की 
कहानियां सुना करते थे ,
हम भी बड़ा होकर उनके जैसा 
बनेंगे ऐसा सोचा करते थे ।।
जब भी गणतंत्र दिवस आती है ,
बचपन की यादें ताज़ा हो जाती है ।
स्कूल में मिले चंद जलेबियों की
आज यादें बहुत सताती  है ,
ख़रीद कर खा लेता हूं कुछ जलेबियों 
पर वो स्वाद इसमें कहा आती है।। वन्दे मातरम् की जयकारा
 लगा गलियों में घूमा करते थे ,
 कुर्ता धोती पहन हाथ में तिरंगा लिए
 बाबा के संग परेड देखा करते थे । 
दादा दादी से वीर देशभक्तों की 
कहानियां सुना करते थे ,
हम भी बड़ा होकर उनके जैसा 
बनेंगे ऐसा सोचा करते थे ।।
abhisaxena3600

Abhi saxena

New Creator

वन्दे मातरम् की जयकारा लगा गलियों में घूमा करते थे , कुर्ता धोती पहन हाथ में तिरंगा लिए बाबा के संग परेड देखा करते थे । दादा दादी से वीर देशभक्तों की कहानियां सुना करते थे , हम भी बड़ा होकर उनके जैसा बनेंगे ऐसा सोचा करते थे ।। #India #Memories #RepublicDay #26January #कविता #गणतंत्रदिवस

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