बारिश हे बारिश! तू नील व्योम से गिरती है, मैं तुझे नहीं बचा पाता हूँ, मेरी अपनी गलती से ,कहीं तू बाढ़ का रूप ले लेती, और कहीं पर सूखे मंजर का दृश्य दिखलाती हो । हे बारिश! तुम रिमझिम -रिमझिम गिरती हो, बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सबके मन को हर्षाती हो, फिर भी तेरा कण-कण संचय हम पर्याप्त नहीं कर पाते हैं । 🌨🌦🌧🌦🌨 #बारिश #Rain #WOD #tolcnrkeepsmile 😊 हे बारिश! तू नील व्योम से गिरती है, मैं तुझे नहीं बचा पाता हूँ, मेरी अपनी गलती से ,कहीं तू बाढ़ का रूप ले लेती, और कहीं पर सूखे मंजर का दृश्य दिखलाती हो । हे बारिश!