हा, हम सब एक ही है पर ये मजहब अलग क्यों शायद वो खुद दुनिया में कई रंग देखना चाहता था। पर हमने तो उस खुदा के रंगों को अलग खुदा ही बना दिया। #मजहब_का_मतलब